
कवर्धा: – एंटी स्नेयर वॉक फॉर कॉम्बेटिंग वाईल्डलाइफ क्राईम” विषय पर वृत्त स्तरीय एक दिवसीय कार्यशाला आयोजित
वन्यप्राणियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने एवं अवैध शिकार पर प्रभावी नियंत्रण के उद्देश्य से “एंटी स्नेयर वॉक फॉर कम्बेटिंग वाईल्डलाइफ क्राईम” विषय पर वृत्त स्तरीय एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन आज दिनांक 19.12.2025 को काष्ठागार सभागार, कवर्धा में किया गया।

यह कार्यशाला श्रीमती एम. मर्सीबेला, मुख्य वन संरक्षक, दुर्ग वृत्त, दुर्ग के मार्गदर्शन में तथा श्री निखिल अग्रवाल, वनमंडलाधिकारी, कवर्धा की अध्यक्षता में आयोजित की गई।
कार्यशाला में मुख्य अतिथि के रूप में माथेश्वरन व्ही, अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यप्राणी), छत्तीसगढ़, रायपुर उपस्थित रहे। इसके अतिरिक्त पंकज राजपूत, वनमंडलाधिकारी, खैरागढ़ वनमंडल; आयुष जैन, वनमंडलाधिकारी, राजनांदगांव वनमंडल; दिपेश कपिल, वनमंडलाधिकारी, दुर्ग वनमंडल; दिनेश कुमार पटेल, वनमंडलाधिकारी, मोहला-मानपुर वनमंडल; गुरुदयाल सिंह फ्लोरा, कार्यपालन अभियंता, सीएसईबी, कबीरधाम; एम. सूरज, नोवा नेचर वेलफेयर सोसायटी, रायपुर; सिद्धांत जैन, फील्ड ऑफिसर, नोवा नेचर वेलफेयर; चंद्रकांत तिवारी, सहायक उप निरीक्षक, साइबर सेल, कवर्धा तथा अधिवक्ता निमिष कुमार शर्मा उपस्थित रहे।

कार्यशाला का शुभारंभ अतिथियों द्वारा दीप प्रज्ज्वलन कर किया गया। तत्पश्चात श्री माथेश्वरन व्ही, अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यप्राणी) द्वारा दुर्ग वृत्त के समस्त उपस्थित अधिकारी-कर्मचारियों को संबोधित करते हुए कहा गया कि प्रत्येक वन बीट को सशक्त बनाना अत्यंत आवश्यक है, जिससे किसी भी अप्रिय घटना को घटित होने से पूर्व ही रोका जा सके। उन्होंने सभी क्षेत्रीय अधिकारियों को अपने मुख्यालय में निवास करने, क्षेत्र में सतत गश्त करने, क्षेत्र से संबंधित डाटा संकलन करने, संवेदनशील क्षेत्रों में विशेष गश्ती बढ़ाने तथा सूचना प्रणाली को सुदृढ़ करने के निर्देश दिए।
कार्यशाला में एम. सूरज एवं सिद्धांत जैन द्वारा पावर प्वाइंट प्रस्तुति के माध्यम से “एंटी स्नेयर वॉक” विषय पर विस्तृत जानकारी दी गई। उन्होंने स्नेयर (फांदा) के प्रकार, उसकी कार्यप्रणाली तथा एंटी स्नेयर वॉक की व्यवहारिक विधि के संबंध में विस्तार से जानकारी प्रदान की।
‘‘एंटी स्नेयर वॉक’’ का मुख्य उद्देश्य वन क्षेत्रों में शिकारियों द्वारा लगाए जाने वाले फांदों पर पूर्ण अंकुश लगाना है। वन वृत्त दुर्ग अंतर्गत उपस्थित समस्त अधिकारी एवं कर्मचारियों ने इस कार्यशाला में मास्टर ट्रेनर के रूप में प्रशिक्षण प्राप्त किया, जिससे वे अपने-अपने क्षेत्रों में एंटी स्नेयर वॉक का प्रभावी रूप से क्रियान्वयन कर सकें। आज की कार्यशाला के माध्यम से इस पद्धति का औपचारिक शुभारंभ किया गया। श्री एम. सूरज, नोवा नेचर वेलफेयर सोसायटी, रायपुर के सहयोग से दुर्ग वृत्त के समस्त वन क्षेत्रों को फांदा-मुक्त बनाने हेतु विशेष अभियान संचालित किया जाएगा।
इस अवसर पर गुरुदयाल सिंह फ्लोरा, कार्यपालन अभियंता, सीएसईबी, कबीरधाम द्वारा वन क्षेत्रों से होकर गुजरने वाली विद्युत लाइनों में अवैध हुकिंग की समस्या एवं उसके नियंत्रण के उपायों पर प्रकाश डाला गया। उन्होंने वन विभाग एवं विद्युत विभाग के मध्य संयुक्त बैठक आयोजित कर समन्वित रणनीति तैयार करने तथा व्हाट्सएप समूह के माध्यम से आपसी समन्वय स्थापित करने का सुझाव दिया, जिससे ऐसे मामलों में त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित हो सके।
चंद्रकांत तिवारी, सहायक उप निरीक्षक, साइबर सेल, कवर्धा द्वारा बताया गया कि मोबाइल फोन एवं इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्यों के माध्यम से अपराधियों की पहचान कर उन्हें पकड़ा जा सकता है। वहीं अधिवक्ता श्री निमिष कुमार शर्मा द्वारा इलेक्ट्रॉनिक माध्यमों से किए जाने वाले अवैध शिकार से संबंधित विधिक प्रावधानों की जानकारी प्रदान की गई।
कार्यक्रम के अंत में वनमंडलाधिकारी, कवर्धा ने कहा कि “एंटी स्नेयर वॉक” के सफल क्रियान्वयन हेतु वन विभाग, विद्युत विभाग, पुलिस विभाग, नोवा नेचर वेलफेयर सोसायटी तथा विधिक विशेषज्ञों के मध्य समन्वय स्थापित कर कार्य करने से सकारात्मक एवं प्रभावी परिणाम प्राप्त होंगे, जिससे वन्यप्राणियों की सुरक्षा व्यापक स्तर पर सुनिश्चित की जा सकेगी। उन्होंने समस्त अतिथियों, वक्ताओं तथा कार्यशाला में उपस्थित अधिकारियों एवं कर्मचारियों के प्रति आभार व्यक्त किया।
उक्त कार्यशाला में दुर्ग वृत्त के अंतर्गत प्रत्येक वनमंडल से उप वनमंडलाधिकारी एवं परिक्षेत्र अधिकारी, कवर्धा वनमंडल के समस्त क्षेत्रीय अधिकारी-कर्मचारी तथा स्थानीय पत्रकारगण उपस्थित रहे।



